काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस मंदिर को विश्वेश्वर नाम से भी जाना है. इस शब्द का अर्थ होता है ‘ब्रह्माड का शासक’। यह मंदिर हिंदू धर्म के लिए बहुत ही खास है। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित है। मान्यता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ है। काशी पुरातन समय से ही अध्यात्म का केंद्र रहा है। आज हम बात करेंगे भगवान शिव के सातवें प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की, जिनका मंदिर पवित्र मां गंगा के तट पर स्थापित है।
Address: Lahori Tola, Varanasi, Uttar Pradesh, 221001, India
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Kashi Viswanathar Temple, Varanasi
Kashi Vishwanath Jyotirlinga Daily Aarti & Darshan Timings :-
Catagery | Timings |
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Opened at an early time | 2:30 am |
Mangala Aarti | 3:00 am to 4:00 am |
General Darshan | 4:00 am to 11:00 am |
Bhog Aarti | 11:15 am to 12:20 pm |
Free Darshan | 12:00 pm to 7:00 pm |
Darshan is then closed for Sapta Rishi Aarati | 7:00 pm to 8:30 pm |
Sandhya Aarti | 7:00 pm to 8:15 pm |
Darshan is reopened | 9:00 pm [after which Darshan is possible only from outside.] |
Shayana Aarti | 10:30 pm to 11:00 pm |
Temple is Closed | 11:00 pm |
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काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की कहानी :
काशी विश्वनाथ को लेकर एक दिलचस्प पौराणिक कथा प्रचलित है। इससे हमें इसकी कहानी का पता चलता है। एक बार भगवान विष्णु और ब्रह्मा में बहस छिड़ गई कि कौन अधिक शक्तिशाली है। इस बहस की मध्यस्थता करने के लिए भगवान शिव ने विशाल ज्योतिर्लिंग का रूप धारण कर लिया था।
शिव ने भगवान विष्णु और ब्रह्मा को विशाल ज्योतिर्लिंग के स्रोत और ऊंचाई का पता लगाने को कहा। ब्रह्मा जी अपने हंस पर बैठकर आकाश की तरफ गए ऊंचाई का पता लगाने और विष्णु जी शूकर का रूप धारण करके पृथ्वी के अंदर खुदाई करने लगे, ताकि इसकी गहराई का पता चल सके। दोनों कई युगों तक भी उसके गहराई और ऊंचाई का पता नहीं लगा सके। हारकर भगवान विष्णु ने शिव जी के आगे नतमस्तक हो गए, लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ बोल दिया कि उन्होंने इसकी ऊंचाई का पता लगा लिया। इस झूठ पर क्रोधित शिव ने उन्हें श्राप देते हुए कहा कि आपकी पूजा नहीं होगी, इसलिए ब्रह्मा जी के मंदिर नहीं मिलते।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कुछ रोचक बातें :
- वैदिक पुराणों में बताया गया है कि काशी में भगवान विष्णु के अश्रु गिरे थे, जिससे बिंदु सरोवर का निर्माण हुआ था। साथ ही पुष्कर्णी का निर्माण भी उन्हीं के चिंतन से हुआ था।
- बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले उनके गण भैरवनाथ के दर्शन को अनिवार्य माना जाता है। मान्यता है कि काशी के कोतवाल अर्थात काल भैरव की अनुमति के बिना दर्शन का फल प्राप्त नहीं होता है।
- काशी को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जो मनुष्य यहां शरीर त्यागता है वह सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि कई लोग काशी में अपने जीवन का अंतिम समय व्यतीत करते हैं।
- ऐसा माना जाता है कि वाराणसी शहर भगवान शिव के त्रिशूल पर टिका हुआ है.
- काशी विश्वनाथ मंदिर को सोने का मंदिर भी कहा जाता है. मंदिर के गुंबद को सोने का बनाया गया है. जिसके लिएपंजाब के महारड रणजीत सिंह ने सोना दान में दिया था.
- ऐसीमान्यता है कि पवित्र नदी गंगा में स्नान करके काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- मंदिर के गर्भगृह में मंडप और शिवलिंग है.यह चांदी की चौकोर वेदी में स्थापित हैं. वहीं मंदिर परिसर में कालभैरव, भगवान विष्णु और विरूपाक्ष गौरी के भी मंदिर हैं.
- ऐसा माना जाता है कि जब पृथ्वी का निर्माण हुआ तो सूर्य की पहली किरण काशी पर ही पड़ी थी.
- इस मंदिर के दर्शन के लिए आदि शंकराचार्य, संत एकनाथ, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, महर्षि दयानंद और गोस्वामी तुलसीदास भी आए.
- यह मंदिर 15.5 मीटर ऊंचा है.
ज्ञानवापी मस्जिद का इतिहास क्या है?
साल 1669 में औरंगजेब ने एक फरमान जारी किया. जिसके बाद उसने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करके मस्जिद का निर्माण कराने का आदेश दिया. वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद को 14वीं सदी में जौनपुर के शर्की सुल्तानों ने विश्वनाथ मंदिर को तुड़वाकर बनवाया था. लेकिन कई इतिहासकर इस बात से इनकार करते हैं.
हालांकि काशी विश्वनाथ मंदिर के वर्तमान ढांचे का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने साल 1777 में कराया था.
काशी विश्वनाथ मंदिर कब खुलता है?
काशी विश्वनाथ मंदिर सुबह 2 बजकर 30 मिनट पर खुलता है. यहां प्रतिदिन पांच बार भगवान शिव की आरती होती है. पहली आरती सुबह 3 बजे और आखिरी आरती रात 10.30 बजे की जाती है.
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग कैसे पहुंचे ?
वाराणसी आप फ्लाइट, ट्रेन, बस या किसी अन्य साधन की मदद से पहुंच सकते हैं.लेकिन अगर आप ट्रेन या बस से बनारस जा रहे हैं तो वहां से ऑटो या ऐप बेस्ड टैक्सी की मदद से भी मंदिर पहुंच सकते हैं. वाराणसी रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी करीब साढ़े चार किलोमीटर है. बस स्टैंड से भी मंदिर की दूरी करीब इतनी ही है. अगर आप फ्लाइट से वाराणसी पहुंच रहे हैं तो आपको लगभग 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा. वाराणसी पर्यटन स्थल है इसलिए यहां ठहरने के लिए सस्ते होटल से लेकर मंहगे लॉज मिल जाएंगे.
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग कौन-कौन से हैं –
- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के सौराष्ट्र नगर में अरब सागर के तट पर स्थित है.
- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग- आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट श्रीशैल पर्वत पर स्थापित है.
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- भगवान शिव का यह ज्योर्तिंलिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है.
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के मालवा में है.
- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की चोटी पर स्थित है.
- भीमशंकर ज्योतिर्लिंग- यह महाराष्ट्र के डाकिनी में है.
- काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग- भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है.
- त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र के नासिकजिले में त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग है.
- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- यह झारखंड के संथाल परगना में स्थित है.
- नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के बड़्रौदा में गोमती के पास है.
- रामेश्वर ज्योतिर्लिंग- यह तमिलनाडु के रामेश्वर में स्थित है.
- घृश्णेश्वर ज्योतिर्लिंग- यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद स्थित बेरूलठ गांव में स्थापित है.
Places To Visit Near Kashi Vishwanath Jyotirlinga :-
- Sankat Mochan Hanuman Temple: This temple is dedicated to Lord Hanuman and is located near the Assi Ghat. It is believed to be a place where troubles and difficulties are alleviated.
- Tulsi Manas Temple: Situated near the Durga Temple, this temple is dedicated to Lord Rama. The walls of the temple are engraved with verses from the Ramcharitmanas, a text written by Tulsidas.
- Durga Temple (Durga Kund Mandir): This temple, built in the 18th century, is dedicated to Goddess Durga. The temple is known for its architecture and religious significance.
- Banaras Hindu University (BHU): Visit the BHU campus, which is one of the oldest and renowned educational institutions in India. The Bharat Kala Bhavan museum within the campus is worth exploring.
- Assi Ghat: One of the prominent ghats in Varanasi, Assi Ghat is located at the confluence of the Ganges and Assi rivers. It is a popular spot for pilgrims and tourists alike.
- Manikarnika Ghat: It is one of the main ghats where cremations take place. It holds great religious significance, and a visit here provides insights into Hindu funeral rituals.
- Kedar Ghat: Another important ghat on the Ganges, Kedar Ghat is known for its scenic beauty. It is often less crowded than some of the other ghats, making it a peaceful place to visit.
- New Vishwanath Temple (Birla Temple): Located on the BHU campus, this temple is dedicated to Lord Shiva. It is known for its impressive architecture and serene surroundings.
- Annapurna Temple: This temple is dedicated to Goddess Annapurna, the goddess of food. It is believed that visiting this temple brings prosperity and fulfillment of one’s basic needs.
- Bharat Mata Temple: This unique temple is dedicated to Mother India and features a relief map of undivided India carved out of marble.